उत्तराखंड

राष्ट्र के लिए राष्ट्र नायक चुने, जीजा या जवाईं नही

पार्थसारथि थपलियाल

आज लोकतंत्र के महापर्व का दूसरा चरण है। राष्ट्र अपने नायक के चयन की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहा है। 19 अप्रैल को पहले चरण के मतदान में 102 सांसदों के चुनाव के लिए मतदान हुआ। आज दूसरे चरण में 13 राज्यों में 89 सांसदों के चुनाव के लिए मतदान होगा। कुछ लोग जिन्हें पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियां नही दिखाई देती वे ध्यान रखें पिछले 10 वर्षों में देश ने को तरक्की की है उसका अनुपात निकलेंगे तो अब तक की लोकतंत्र की यात्रा में राष्ट्र सर्वोच्च स्तर पर है। लोकतंत्र की हत्या होने की अफवाह फैलाने वाले परिवारवादियों के मंसूबे को समझें, जिन दलों में एक परिवार ही नेता बनता है, वही निर्णायक होता है, वह बार बार असफल भी हो रहा हो उसी को चढ़ाने के प्रयास हो रहे हों, जो लोग भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए, सजा भोग रहे हैं, जिन लोगों ने भारत की संस्कृति और सभ्यता के विरुद्ध काम किए हैं क्या हम उनका चुनाव करें?
10 साल पहले जगह जगह बम विस्फोट होते थे, महिलाओं पर अत्याचार होते थे, देश में 500 स्थानों पर भारत विरोधी तत्व पाले जा रहे थे, कश्मीर में हिंदुओं पर जो अत्याचार हुए, वोट देने से पहले सोच लेना।

उस दृश्य को भी याद रखना जब रूस यूक्रेन के मध्य चलते युद्ध को रुकवाकर यूक्रेन से भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित ढंग से निकाला गया, दृश्य वह भी याद रहे की पाकिस्तानी छात्र भी भारत का झंडा लेकर भारत माता की जै बोलते हुए यूक्रेन से बाहर निकले, कतर में मौत की सजा घोषित 8 पूर्व नौसैनिक अधिकारियों को कूटनीतिक स्तर पर सजा माफ करवाकर भारत लाना क्या करिश्मा से कम नही। सरहद पार से कुख्यात आतकवादियों को समूल नष्ट कर देना, उनके घर पर जाकर एयर स्ट्राइक करना क्या किसी करिश्मा से कम है। कोरोना काल में जिस प्रबंधन की दुनिया ने तारीफ की क्या उसे भूल जाना चाहिए। दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। भारत में वे लोग वर्तमान सरकार के विरोधी हैं जिनके भ्रष्टाचार पकड़े गए हैं या अवैध धंधे बंद हो गए हैं। हां जिनकी आंखों में पट्टी बंधी है उन्हे इस विमर्श से बाहर होना चाहिए। केवल नेतृत्व को देखिए।

ऐसा नही की भाजपा के सभी नेता दूध के धुले हों। एक से बढ़कर एक भ्रष्टाचारी वहां भी हैं। नेतृत्व प्रबल है तो उन भ्रष्टाचारियों का मार्ग अवरूद्ध है। हो सकता है तीसरी बार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनने वाली सरकार भाजपा में दाखिल उन भ्रष्टाचारियों को भी जेल भेज दे, सत्ता में रहकर अकूत संपत्ति एकत्र की। आलू टमाटर के भाव पिछले 10 वर्षों में स्थिर हैं। कमियां इस शासन में भी हैं लेकिन उन सब के लिए केवल शीर्ष नेतृत्व को दोषी नही ठहरा सकते हैं। इस दौर में बेरोजगार वे लोग हैं जो काम नही करना चाहते। ऐसे लोग राजनीति में अपना रोजगार स्थापित करने आते हैं। कोई अर्बन नक्सल, कोई नौवीं फेल, कोई विरासत वाला, क्या राष्ट्र का हित उन लोगों के हाथों में सौंपना चाहिए जो भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानते हैं।

लोकतंत्र का यह महापर्व जीजा या जंवाई चुनने का नही, और न ही आलू प्याज के भाव देखकर अपना सांसद चुनने का। राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाने के लिए कुशल नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री के हाथ मजबूत करने चाहिए। राष्ट्रप्रथम हमारे दिल दिमाग में सदैव रहना चाहिए। याद रहे मोदी को हराने के लिए अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र भी चल रहे हैं। जॉर्ज सोरोस ने सौ करोड़ अमरीकी डॉलर मोदी को हराने के लिए रखे हैं।
आइए हम मतदान कर उन षड्यंत्रों का उत्तर दे दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *