उत्तराखंड

धाद नाट्य कार्यशाला का नाटक प्रस्तुति के साथ समापन

देहरादून। आज सांय बी एस नेगी महिला प्राविधिक प्रशिक्षण संस्थान कौलागढ रोड़, देहरादून में चार नाट्य प्रस्तुतियों के साथ एक सप्ताह से चल रही नाट्य कार्यशाला का समापन हो गया। धाद नाट्य मंडल एवं एक कोना कक्षा का के संयुक्त तत्वावधान में इस कार्यशाला का शुभारंभ 26 मई को किया गया था। कार्यशाला स्कूली बच्चों के लिए की गई थी जिसमें लगभग 45 बच्चों ने भाग लिया। नाट्य मंडल के वरिष्ठ कलाकार बच्चों को एक्टिंग की बारीकियां सिखाई गई। कार्यक्रम में संपूर्ण सहयोग आम समाज द्वारा किया गया। इस अवसर पर कार्यशाला में तैयार चार नाटकों का मंचन किया गया। बाघ की चिट्ठी नाटक में वनों में लग रही आग, वन्य जीवों के जीवन पर आ रहे संकट एवं उनके शिकार आदि समस्याओं को प्रदर्शित किया गया। दूसरे नाटक आपसी रंजिश में सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया गया। तीसरा हास्य नाटक अंधेर नगरी चौपट राजा एवं चौथा नाटक प्लास्टिक का दानव पर्यावरण संरक्षण के संदेश के साथ प्रस्तुत किया गया।

पॉलिथीन के प्रयोग पर रोक के लिए समाज को संवेदनशील बनने का संदेश दिया गया। बच्चों ने पूरे समय दर्शकों को बांधे रखा। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. पुनीत त्यागी, चिकित्सा निदेशक ग्राफिक एरा हास्पिटल ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की एवं उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। समाज सेवी एवं विशिष्ट अतिथि अजय गोयल ने धाद के सामाजिक कार्यक्रमों की सराहना की एवं बच्चों की प्रस्तुतियों को सराहा। उन्होंने बच्चों को इस तरह के आयोजनों से अधिक से अधिक लाभ लेने की सलाह दी।

एक कोना कक्षा का की सह सचिव एवं कार्यशाला की संयोजक कीर्ति भंडारी ने बताया कि 28 अप्रैल को फूलदेई समापन पर बच्चों द्वारा प्रस्तुत नाटक पॉलिथीन से हमें लगा कि बच्चों की इस प्रतिभा को निखार मिलना चाहिए। और उसी विचार की परिणति इस नाट्य शाला के रूप में हुई। यह उन बच्चों के लिए एक प्रयास है जिनके पास अवसरों की कमी है। हम चाहते हैं कि सार्वजनिक शिक्षा से जुड़े बच्चों की प्रतिभा को निखारने में अवसर उपलब्ध कराये जाने चाहिए। एक कोना कक्षा का कार्यक्रम के अंतर्गत हमारा प्रयास रहता है कि बच्चों की रचनात्मकता को उभारा जाय। इसके लिए हम हरेला पर पर्यावरण से संबंधित कार्यक्रम स्कूलों के साथ करते हैं। फूलदेई पर ड्राइंग, निबंध, कहानी एवं कविता लेखन के साथ ही ऑनलाइन डिबेट भी करते हैं। इसके अतिरिक्त एक चिट्ठी लिखिए कार्यक्रम बाल दिवस से प्रारंभ किया जाता है। इन सभी प्रतियोगिताओं में राज्य स्तर पर श्रेष्ठ रचनाओं को पुरस्कृत किया जाता है। हमारे सारे कार्यक्रम सामाजिक सहयोग से किये जाते हैं और इस नाट्यशाला के लिए भी हमें समाज का अभूतपूर्व सहयोग मिला है।

नाट्य मंडल की सदस्य एवं कार्यशाला की संयोजक मीनाक्षी जुयाल ने कार्यशाला में बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किये एवं इस तरह के आयोजन भविष्य में भी किये जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि नाट्य मंडल हमेशा अपना समय देने के लिए तत्पर है।कार्यशाला के निदेशक सुदीप जुगरान ने कहा कि धाद नाट्य मंडल की हमेशा पहल रहती है कि समाज के साथ मिल कर समाज के लिए कुछ नया किया जाय और उसमें साथी अगर बच्चे हों तो सोने पे सुहागा। हम हमेशा प्रयास करते हैं कि सरकारी स्कूल के बच्चों को लेकर विभिन्न प्रकार की वर्कशॉप कर बच्चों से कुछ सिखाया जाय। कार्यक्रम का संचालन मीनाक्षी जुयाल एवं सिद्धि भंडारी ने किया। इस अवसर पर पवन डबराल, प्रताप सिंह, मधुरम भारद्वाज, निशांत राही, सुदीप जुगरान, विजय जुयाल, अंशुल व्यास, आशा डोभाल, गणेश उनियाल, नरेंद्र सिंह रावत, बृजमोहन उनियाल, साकेत रावत, शुभम, एवं बच्चों के अभिभावक उपस्थित रहे।

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